Wednesday, 31 August 2016

मेरा दुनि या --मे ने एक दिन बैंक गया

कुछ दिनों पहले मेने अपना बैंक में गया था । मुझे तीन काम  पूरी करना था। पहला मेरा पास  बुक अद्यतन करने का था  , एक चेक जमा करना था और कुछ पैसा जमा करना था।

बैंक में कमसे काम  बीस लोग काम करते थे। वो वातानुकूलित कार्यालय में  आराम से काम कर रहे थे। उधर ग्राहकों  का  ज्यादा बीड नहीं था। 

मुझे चेक डिब्बा में डालना पड़ा , पैसा एक मशीन में डालना पड़ा और मेरा पास बुक भी एक मचिन ने  अद्यतन किया। 

तब मेंने सोचना सुरु की या  इतना सारा कर्मचारी क्या काम कर रहे हे?  हम सब जनता हे बैंक कर्मचारियों को  बहुत अच्छा वेतन मिलता हे ,उसको नौकरी की सुरक्षा हे ,काम  करने के लिए निश्चित समय हे ,पूरी सरकारी आनुकूल्य मिलता हे और सब राष्ट्रीय अवकाश  हे। 

ऐसा लगता  हे ये बैंक  कर्मचारी दूसरा भारतीयों के तुलना एक आरामरामदायक जीवन बिताता हे। जो लोग आईटी उद्योगों में  काम  करते हे  उसको  भी इस तरह की काम करने का वातावरण नहीं हे। आज कल ग्राहक ऑनलाइन में पूरा सौदा कर सकता हे और बैंक कर्मचारियों को  इतना काम का दबाब नहीं हे जितना कंप्यूटर युग के पहले था। 

इस बात  मेने अपना एक दोस्त, जो एक ऐसी तरह बैंक हमें काम करता है , से चर्चा किया। उसका प्रतिक्रिया तो कुछ अलग था।  उसके के अनुसार हम लोग जो देख रहे हे वो सच  नहीं हे और हम लोग पूरा असलियत नहीं देख पा रहा हे। 

असल में वह मुझे बताया की बैंक कर्मचारी सुक्रवार को धरना  करने वाले हे।  वह धरना कर रहे हे इस  सरकार की नीतियों  के खिलाफ और उन लोग मागते हे की बैंक कर्मचारियों का काम   करने का व्यवस्था और  बेहतर  बनाये। 
 या
मेने अवाक हो गया और में ने उसको पुछा  " क्या आप मसाग कर रहे हे आप सछ में बता रहा हे" ?



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